हाईकोर्ट पहुंचा ‘हनी ट्रैप’ मामला, सीबीआई जांच की मांग, जांच के लिए गठित की गई एसआईटी

 भोपाल
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर कर हाल ही में सामने आए हनी ट्रैप मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपे जाने की गुहार लगाई गई है। याचिका में आशंका जताई गई है कि सूबे के राजनेताओं के दखल से इस हाई-प्रोफाइल प्रकरण की जारी पुलिस जांच पर असर पड़ सकता है। वहीं इसकी जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

ये याचिका स्थानीय नागरिक दिग्विजय सिंह भंडारी (38) ने दायर की है। याचिकाकर्ता के वकील मनोहर दलाल ने संवाददाताओं से कहा, हमें संदेह है कि मध्यप्रदेश पुलिस हनी ट्रैप मामले के राज छिपा रही है, ताकि प्रभावशाली लोगों को बचाया जा सके। इसलिए व्यापक जनहित में जरूरी है कि इस मामले की जांच पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी जाये, ताकि इसकी जांच राज्य के राजनेताओं के दखल से दूर रह सके।

मनोहर ने बताया कि याचिका में यह गुहार भी की गई है कि हनी ट्रैप गिरोह के जाल में फंसने वाले इंदौर नगर निगम के एक आला अफसर पर भ्रष्टाचार तथा दुष्कर्म के आरोपों में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। इसके साथ ही, उसके कथित पेशेवर दुराचरण के कारण उसे पद से निलंबित किया जाए।

उन्होंने बताया कि हनी ट्रैप मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं की गई है। हालांकि, इस पर जल्द सुनवाई की उम्मीद है। गौरतलब है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर बृहस्पतिवार को हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

नगर निगम अधिकारी ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किए गए थे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक गिरोह पर संदेह है कि वह राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। इस बारे में विस्तृत जांच जारी है।

जांच के लिए एसआईटी का गठन

मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने इंदौर में दर्ज किये गये हनी ट्रैप (मोहपाश) मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा यहां सोमवार को इस मामले में अधिकृत तौर पर बताया गया है कि इन्दौर के पलासिया पुलिस थाना क्षेत्र में 17 सितंबर को एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज किये गये मामले की जांच के लिये पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने एसआईटी गठित कर दी है।

एसआईटी का गठन पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक, (अपराध अनुसंधान) डी श्रीनिवास वर्मा के नेतृत्व में किया गया है। पुलिस महानिदेशक ने इस घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

गौरतलब है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

नगर निगम अधिकारी ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक गिरोह पर संदेह है कि वह राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। इस बारे में विस्तृत जांच जारी है।

गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में श्वेता विजय जैन के अलावा, आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और उनका चालक ओमप्रकाश कोरी शामिल हैं।

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